झलकियाँ

आगामी कार्यक्रम:

मंगलवार, 30 जून 2009

फ़िज़िओथेरपि केन्द्र में जून माह में आए 189 मरीज़

कुछ ढीला वक्त देखने के बाद परिषद् का स्थाई प्रकाप फ़िज़िओथेरपि केन्द्र अब फिर से रफ़्तार पकड़ने लगा है। जून माह में केन्द्र की सेवाओं का लाभ 189 मरीजों ने उठाया। यह प्रगति प्रकल्प प्रमुख श्री विजय गर्ग और श्री हुतेश सेठी के प्रयासों से ही सम्भव हो रही है। जून माह में केन्द्र की दशा को और बेहतर करने के लिए परिषद् ने कुछ कदम उठाये हैं जैसे पेयजल का इंतज़ाम, परदों के द्वारा हिस्से और केन्द्र के लिए एक स्थाई फ़िज़िओथेरपिस्त को अनुबंधित करना।
निश्चित रूप से इस कार्य में सभी साथियों का साथ रहा है जिसमे अब सब लोग अपने जानने वालों में परिषद् के केन्द्र को प्रचारित कर रहे हैं।
परिषद् का लक्ष्य आगंतुकों की संख्या प्रतिमाह 1000 तक ले कर जाने की है और इसी दिशा में सब कार्य हो रहा है।

रविवार, 21 जून 2009

शाखा की मासिक पत्रिका का विमोचन

सदस्यों तक परिषद् शाखा की सभी गतिविधियों को विस्तार से पहुँचने और उनके बारे में और विस्तार से सभी को बताने के लिए शाखा ने अपनी मासिक पत्रिका के प्रकाशन का निर्णय लिया है। इसी कड़ी में प्रथम अंक "संकलन" का विमोचन सामान्य सभा के दौरान किया गया।
शाखा की योजना इस प्रयास के द्बारा सदस्यों की प्रतिभा को सब के सामने लाना है। पत्रिका में प्रतिमाह एक शख्सियत का साक्षात्कार एवं अन्य महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध करवाई जायेगी।
पत्रिका की एक एक प्रति सभी सदस्यों को सभा के दौरान ही वितरित की गयी.

शाखा सदस्यों के लिए प्रबंधन कला

शाखा सदस्यों को व्यावसायिक प्रबंधन कला के नियमों एवं प्रयोग से परिचित कराने हेतु प्रबंधन कला की एक गतिविधि को एक गेम के रूप में प्रस्तुत किया गया। गतिविधि का उद्देश्य बदली हुए परिस्थितियों में अपने को ढलने का गुर प्रर्दशित करना व् प्रतिक्रया को बेहतर करना था।
सभी ने इस गेम में हिस्सा लिया और श्री पवन सिंगला इसके विजेता रहे।

भाषण प्रतियोगिता का आयोजन

अपनी तरह के एक प्रथम प्रयास में शाखा ने सदस्यों के व्यक्तित्व विकास के मद्देनज़र एक भाषण प्रतियोगिता का आयोजन सामान्य सभा के दौरान किया। सभा में इस तरह के प्रयास की सभी ने बहुत सराहना की एवं इस प्रकार के प्रकल्प आगे भी आयोजित किये जाने के प्रति अपना समर्थन ज़ाहिर किया।
इस प्रकल्प के लिए चार विषय पहले से ही सूचित कर दिए गए थे। इनमे कन्या भ्रूण हत्या-दोषी कौन, जल है तो कल है, घरौंडा की मुख्य समस्याएं और भारत की वर्ल्ड कप में हार क्यों शामिल थे।
प्रतियोगिता के लिए श्री विनोद गुप्ता, श्री इश्वर गुप्ता तथा श्री अनिल शास्त्री जी ने निर्णायक की भूमिका अदा की।
विजय गर्ग जी ने प्रथम तथा सुर्रेंदर शर्मा जी ने द्वित्ये पुरस्कार प्राप्त किया। श्री पवन सिंगला, श्री अरुण अग्रवाल, श्री हुतेश सेठी व् श्री विकास जैन का प्रयास भी उल्लेखनीय रहा।
श्री राजेश गर्ग ने अंत में कन्या भ्रूण हत्या पर अपने विचार रखे और प्रतियोगिता की समाप्ति की घोषणा की।
विजेताओं को पारितोषिक देकर सम्मानित भी किया गया.

सामान्य सभा का आयोजन

नयी कार्यकारिणी की प्रथम सामान्य सभा का बहुत ही बेहतरीन ढंग से शानदार आयोजन 20 जून को अग्रवाल धर्मशाला में हुआ। इस बार पहले से ही सभी को एजेंडा दे दिया गया था। मीटिंग के लिए ख़ास तौर पर एक मंच और लेक्चेर स्टैंड लगाया गया था। एक चीज़ जो बेहतर हो सकती थी, वो थी सदस्यों की उपस्थिति और समय की पाबन्दी। कार्यकारिणी इसे नियंत्रित करने के नए तरीके खोज रही है।

सभा के मुख्य बिन्दु:
1. सभा की शुरुआत श्री हुतेश सेठी ने मंच सज्जा के साथ की. उन्होंने राष्ट्रिय गीत की रीत को निभाया और मंच सचिव अजय सिंगला के सुपुर्द कर दिया.
2. अजय सिंगला ने सर्वप्रथम आए हुए सभी मेहमानों का स्वागत किया और अपने कीमती समय में से वक्त निकलने के लिए धन्यवाद किया.
3. मीटिंग में ख़ास बात श्री राजेश गर्ग की उपस्थिति थी जो इस बार शाखा की और से नहीं अपितु प्रांतीय कार्यकारिणी के सदस्य के तौर पर आए थे. प्रांतीय कार्यकारिणी में उनके साथ डॉक्टर मुकेश अग्रवाल ने भी जगह पाई और इनकी इस उपलब्धि पर हमें नाज़ है.
4. इसके बाद निवतॅमान कोषाध्यक्ष श्री विजय गर्ग ने पिछले वर्श का लेखा जोखा प्रस्तुत किया और लेखा से सम्बंधित सवालों का जवाब श्री राजेश गर्ग ने दिया. पहली बार किसी ने परिषद् का लेखा-जोखा इस प्रकार व्यवस्थित ढंग से प्रस्तुत किया है और सभी ने श्री विजय गर्ग की इस प्रयास के लिए सराहना की.
5. नए सदस्यों ने परिषद् में सदस्यता की शपथ ग्रहण की.
6. परिषद् ने कारगिल विजय दिवस को वीर स्मृति दिवस के रूप मनाने के कार्यकारिणी के फैसले को खुली सभा में विचार के लिए रखा और इसे सर्वसम्मति से मान लिया गया. श्री हरीश मिगलानी ने आगे आ कर ख़ुद इस कार्यक्रम की जिम्मेदारी उठाने की इच्छा ज़ाहिर की और यह भी कहा की वोह इस कार्यक्रम के लिए अर्थ की व्यवस्था भी परिषद् के बाहर से ही करेंगे.
7. टूर को लेकर बहुत हंगामा हुआ. कोई अकेले जाने को कह रहा था और कोई सपरिवार। पूरी प्रक्रिया किसी निर्णय पर नही पहुँच रही थी तब श्री इश्वर गर्ग जी ने आगे आकर इस पूरे प्रकल्प की ज़िम्मेदारी उठाई और कहा की वोह सब प्रबंध कर लेंगे.
8. सभी एजेंडा की बातें पूरी होने पर सब ने हलकी फुल्की बातें की और भोजन ग्रहण कर के घर को चल दिए.

बुधवार, 10 जून 2009

सहयोग को सदैव तत्पर


भारत विकास परिषद् के मुख्य सूत्रों में से सहयोग भी एक सूत्र है। शाखा ने इसी सूत्र तो जिया जब शाखा परिवार ने एक सामाजिक आन्दोलन में अपना समर्थन दिया। “ ग्रामीण युवा सेना” नाम के एक संगठन ने नगर में बस के ठहराव को ले कर एक मुहीम छेड़ी है। भारत विकास परिषद् से अध्यक्ष एवं सचिव ने उनके प्रधान श्री राजेश आर्य को फ़ोन करके परिषद् की और से भरपूर समर्थन तथा सहयोग का आश्वाशन दिया.

रविवार, 7 जून 2009

कार्यकारिणी सभा का विवरण

6जून, 2009,

सभी नए कार्यकारिणी सदस्यों के लिए यह एक ऐसा दिन था जब उन्हें निर्णय के अपने अधिकार को अंजाम देना था। उन पर जिम्मेदारी थी सभी सदस्यों के लिए उत्तम निर्णय लेने की जो सभी के हित में हों। येही रास्ता उन्हें भविष्य में नयी ऊँचाईयों तक ले कर जाने वाला था। और सब ने बहुत बेहतर ढंग से इस कार्य को निभाया।

मीटिंग की झलकियाँ:
1. मीटिंग स्थल था शानदार, होटल न्यू वर्ल्ड, करनाल
2. श्री हरीश मिगलानी को छोड़ कर सभी सदस्य सभा में उपस्थित थे। एक शारदार उपस्थिति
3. विशेष कार्यकारी समिति का प्रतिनिधित्व कर रहे थे, श्री विनोद गुप्ता

मीटिंग के सूक्ष्म बिन्दु:
1. मीटिंग अपने निर्धारित समय से आधा घंटा देरी से, 8:30 बजे प्रारम्भ हुई।
2. अध्यक्ष श्री नरेन्द्र चावला की अनुमति के बाद सचिव अजय सिंगला ने सभी सदस्यों का स्वागत करते हुए मीटिंग को आरम्भ किया।
3. उसके बाद मई माह में परिषद् द्वारा किए गए कार्यों एवं विशेष गतिविधियों की रिपोर्ट पेश की गयी।
4. तत्पश्चात पहले से दिए गए एजेंडे पर विचार विमर्श हुआ, जिसकी संक्षिप्त जानकारी नीचे प्रस्तुत है।
a. नयी सदस्यता: इस मीटिंग में 8 नए युवा सदस्यों का नाम सभी सदस्यों की सहमती से पारित किए गए। उनके नाम हैं, श्री राजीव खन्ना, श्री कपिल गुप्ता, श्री संदीप अग्रवाल, श्री पंकज जग्गा, श्री अमन कुच्छल , श्री सुमित सिंगला, श्री सचिन सिंगला तथा श्री दीपक मित्तल।
b. फ़िज़िओथेरपि सेंटर में उपस्थिति बढ़ने हेतु: फ़िज़िओथेरपि केन्द्र की सेवायों को बेहतर बनाने हेतु बहुत से विचार आए जिनमे से मुख्य इस प्रकार से थे: एक फुल-टाईम फ़िज़िओथेरपिस्ट की आवश्यकता, प्रचार कैंप का आयोजन, विज्ञापन देना एवं हड्डियों के डॉक्टर्स से मुलाक़ात।
c. शाखा की मासिक पत्रिका का प्रकाशन: यद्यपि सदस्य इस प्रकाशन से सहमत थे, तथापि प्रकाशन सम्बन्धी मुश्किलों को देखते हुए इस एक कोशिश के तौर पर त्रै-मासिक निकालने का निर्णय लिया गया जिस के लिए सब ने हाँ कर दी है।
d. कारगिल दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन: छब्बीस जुलाई को कारगिल दिवस पर एक कार्यक्रम के लिए, जिस में कस्बे के सभी भूतपूर्व सैनिकों को सम्मानित किया जाए, के विचार ने सभी को आकर्षित किया। हालाँकि इस में कुछ फेर-बदल की गुंजाईश भी महसूस की गयी जिसे सब की सहमती से हल कर लिया जाएगा।
e. टूर सम्बन्धी विचार: शाखा सदस्यों का टूर ले जाने बारे विचार किया गया जिस में इस बात पर राय ली गयी की टूर परिवार के साथ ले जाया जाए अथवा अकेले सदस्यों का। प्रारंभिक विचार के बाद इस विषय को आम सभा में विमर्श के लिए स्थगित कर दिया गया।
f. आम सभा की तिथि: अभी के लिए सभी की सहमती से आम सभा की तिथि 20 जून निर्धारित की गयी है।

5 . इस के बाद अध्यक्ष और सचिव ने सभी को अपनी अपनी जिम्मेदारियों को और गहरे से समझने और परिपालन करने का आग्रह किया।
6. इसके बाद कुछहलके फुल्के मजाक के बाद सब ने भोजन लिया और सब ने अपने अपने निवास के लिए प्रस्थान किया।

शनिवार, 6 जून 2009

कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज की मुहीम में समर्थन

भारत विकास परिषद् समाज के हित में किए जा रहे किसी भी कार्य में सदैव तत्पर है। यह सिद्ध करने का हमें अवसर मिला और हमने अपने मूल्य प्रस्तुत भी किए।
दैनिक भास्कर समूह जोकि भारत का अग्रणी समाचार पत्र है - ने आज कल कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज का अभियान ज़ोरदार तरीके से छेड़ रखा है।
अब जबकि सभी राजनेता केवल आश्वासन दिए जा रहें हैं, कुछ भी ज़मीनी स्तर पर कार्य नही हो रहा है, करनाल की जनता अब उकताने लगी है, तब एक पत्र की यह कौशिश न केवल कबीले तारीफ है अपितु सहयोग की हक़दार भी है।
इसी प्रयास में करनाल ऑफिस में भारत विकास परिषद्, घरौंडा शाखा ने वहां जा कर ब्यूरो चीफ को सराहना एवं समर्थन पत्र दिया एवं हर प्रकार से सहयोग करने की अपनी इच्छा ज़ाहिर की।
आख़िर हम ही तो हैं जो एक अच्छे प्रयास का उत्साह बढायेंगे।
सामाजिक सरोकार को सहयोग करने, और समाज के प्रति समर्पण की भावना का एक और उत्तम उदाहरण।