चातुर्मास के दौरान सदस्यों को श्री राजेश जैन की और से विशेष आमन्त्रण प्राप्त हुआ। इस आमंत्रण में सभी सदस्यों को विशेष रूप से बुलाया गया था।
सहयोग में विश्वास रखने वाले परिषद् सदस्य वहां पर पहुंचे और मुनि जी के प्रवचनों का लाभ उठाया और उनका आर्शीवाद प्राप्त किया।